उन दोनों के प्यार से महकता था कोना कोना................
उन दोनों के प्यार से महकता था कोना कोना................
फिर वक्त की दीवारों मैं............
एक ऐसा दरार आया........
जो दोस्ती जागती थी रात भर......
अब टहल कर, सो जाती है छत पर..............
कोई नही जानता, कि किसकी थी खता..............
पर वो लड़की, रातों को पुकारकर कहती है सदा.............
मैं तेरी हूँ बस , और रहूंगी सदा............
फिर वक्त की दीवारों मैं............
एक ऐसा दरार आया........
जो दोस्ती जागती थी रात भर......
अब टहल कर, सो जाती है छत पर..............
कोई नही जानता, कि किसकी थी खता..............
पर वो लड़की, रातों को पुकारकर कहती है सदा.............
मैं तेरी हूँ बस , और रहूंगी सदा............
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